मन मोहनी प्रकृति की गोद में जो बसा है।
सुख स्वर्ग-सा जहाँ है वह देश कौन-सा है।
जिसका चरण निरंतर रतनेश धो रहा है।
जिसका मुकुट हिमालय वह देश कौन-सा है।
नदियाँ जहाँ सुधा की धारा बहा रही हैं।
सींचा हुआ सलोना वह देश कौन-सा है।
राम नरेश
त्रिपाठी
No comments:
Post a Comment