हिन्दी साहित्य
Saturday, January 5, 2019
ना पूछा, ना बात की
सीधे दिल में उतर आये।
आँखों से क्या दिल तक
सीढ़ियाँ
लगीं
थीं?
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
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