हिन्दी साहित्य
Saturday, January 26, 2019
एक तुम्हारे
आ जाने से
रसमय सभी प्रसंग हुये हैं।
चौक पुरे
आँगन
गलियारे
कोई
इनकी नजर
उतारे
जीवन
जी-भर जी लेने को
उत्सुक सारे अंग हुये हैं।
इसाक
‘
अश्क
’
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