प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने भगवान राम के
प्रति अपनी भक्ति भावना को अभिव्यक्त किया है-
राम सो बड़ो है
कौन, मोसों कौन छोटो?
राम सो खरो है
कौन, मोसों कौन खोटो?
तुलसीदास
कहाँ जाऊँ
कासों कहौं, और ठौर न मेरो।
जनम गँवायो तेरे हि द्वारे, मैं किंकर तेरा।
तुलसीदास
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