प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने नायिका के
सौन्दर्य का वर्णन किया है-
कुंदन का रंग
फीको लगै, झलकै अति अंगन चारू बुराई,
साखिन में
अलसानि चितौनी में मंजु विलसन की सरसाई।
को बिन मोल
विकात नहीं, मतिराम लहै मुस्कानि मिठाई,
ज्यों-ज्यों
निहारिये तेरे ह्वै नैननि, त्यों-त्यों खरी निकरे सी निकाई।
मतिराम
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