हिन्दी साहित्य
Saturday, June 16, 2018
दिन और रात हैं एक से
हर ऋतु एक समान।
विरह-ताप से ज्यादा
क्या होगा ताप ग्रीष्म का
?
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
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