Thursday, June 28, 2018


बरसते मेघ-दल से कहिये,
पिघलते हिम-खंड से कहिये।
कहनी है बात दूर तलक तो,
बहती हुई पवन से कहिये।।


    डॉ0 मंजूश्री गर्ग

No comments:

Post a Comment