Wednesday, June 6, 2018



महकने दो,
चहकने दो,
फुदकने दो।
है सुबह सुहानी,
उपवन में फैली हरियाली,
पग-तले बिखरे हैं मोती।

      डॉ0 मंजूश्री गर्ग

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