हिन्दी साहित्य
Saturday, June 2, 2018
राधे
!
तुमने ही नहीं
;
मैंने भी
किसी और का नाम
लिखा नहीं मन पे।
रूक्मिणी हो या
हो सत्यभामा
या कोई अन्य
रानी-पटरानी।
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
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