1 सितंबर, हिन्दी साहित्य
में गजल विधा को प्रतिष्ठापित करने वाले व हिन्दी गजल साहित्य में मील का पत्थर
माने जाने वाले गजलकार दुष्यंत कुमार जी को जन्म-दिवस पर कोटि-कोटि प्रणाम-
ये मूरत बोल सकती है अगर चाहो,
अगर कुछ शब्द कुछ स्वर फेंक दो तुम भी।
किसी संवेदना के काम आएँगे,
यहाँ टूटे हुए पर फेंक दो तुम भी।
दुष्यंत कुमार
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