11 सितंबर, श्रीमती महादेवी
वर्मा जी की पुण्य-तिथि पर सादर नमन-
सात वर्ष की आयु में लिखी
कविता-
ठंडे पानी से नहलाती
ठंडा चंदन उन्हें लगाती
उनका भोग हमें दे जाती
तब भी कभी न बोले हैं
माँ के ठाकुर जी भोले हैं।
महादेवी वर्मा
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