नाचें,गायें
धूम मचायें
भूलें सब गम
पार्टी में।
खाली गिलास
खाली है मन
खाली-खाली
जहाँ सारा
पार्टी के बाद।
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
बेमौसम बरसातें
रोज की सी बातें
मधुमास में
ओला वृष्टि
मिलन की रातों में
गमों की सौगातें।
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
No comments:
Post a Comment