Wednesday, March 8, 2017



नाचें,गायें
धूम मचायें
भूलें सब गम
पार्टी में।

खाली गिलास
खाली है मन
खाली-खाली
जहाँ सारा
पार्टी के बाद।

          डॉ0 मंजूश्री गर्ग



बेमौसम बरसातें
रोज की सी बातें
मधुमास में
ओला वृष्टि
मिलन की रातों में

गमों की सौगातें।

          डॉ0 मंजूश्री गर्ग

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