हिन्दी साहित्य
Friday, March 31, 2017
बात-बात पे टोकना बडों का
बुरा तो बहुत लगता था बचपन में
पर आज बड़े हो के
वही बातें अमृत वचन सी हैं लगती।
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
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