Tuesday, July 24, 2018




श्री बनारसी दास चतुर्वेदी


(प्रसिद्ध पत्रकार)

डॉ0 मंजूश्री गर्ग

जन्म-तिथि -  24 दिसम्बर, सन् 1892 ई0
पुण्य-तिथि  -  2 मई, सन् 1985 ई0

बनारसी दास चतुर्वेदी का पत्रकारिता जीवन विशाल भारत के सम्पादन से शुरू हुआ. प्रवासी भारतीयों की समस्याओं में इनकी विशेष रूचि थी. बनारसी दास चतुर्वेदी की सेवा भावना, राष्ट्रीय भावना व लगन से प्रभावित होकर विशाल भारत और मॉडर्न रिव्यू के मालिक श्री रामानन्द चटर्जी ने इन्हें विशाल भारत का संपादक बना दिया. अपने परिश्रम से आपने विशाल भारत को एक साहित्यिक और सामान्य जानकारी से परिपूर्ण मासिक पत्रिका बनाया. इसमें प्रायः सभी प्रमुख लेखकों की रचनायें प्रकाशित होती थीं. आप पत्रकारिता के क्षेत्र में श्री गणेश शंकर विद्यार्थी को अपना आदर्श मानते थे.

बनारसी दास चतुर्वेदी ने विशाल भारत छोड़ने के बाद टीकमगढ़ से प्रकाशित मधुकर का संपादन किया. तोताराम सनाढ्य से उनके फीजी द्वीप के अनुभव सुनकर तोताराम जी के नाम से फीजी में मेरे 21 वर्ष नामक पुस्तक तैय्यार की. स्वयं भी प्रवासी भारतवासी नामक पुस्तक की रचना की.

बनारसी दास चतुर्वेदी ने पत्रकारिता के साथ-साथ रेखाचित्र भी लिखे हैं, जो बहुत ही सजीव हैं. आप बारह वर्ष तक राज्यसभा के सदस्य रहे. संसद सदस्य के रूप में दिल्ली में रहते हुये संसदीय हिन्दी परिषद्, हिन्दी पत्रकार संघ, आदि संस्थाओं के संचालन में रूचि ली. साथ ही आपने दिल्ली में हिन्दी भवन खोलने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

बनारसी दास चतुर्वेदी को उनके साहित्य व शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान के कारण ही सन् 1973 ई0 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।


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