Friday, July 20, 2018



गोपाल दास नीरज जी को श्रद्धांजलि---------

एक ही कील पर घूमती है धरा
एक ही डोर से बस बँधा है गगन
एक ही साँस में जिन्दगी कैद है
एक ही तार से बुन गया कफन।

                                    गोपाल दास नीरज


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