हिन्दी साहित्य
Thursday, July 19, 2018
याद बरबस आ गई माँ, मैंने देखा जब कभी
मोमबत्ती को पिघलकर, रोशनी देते हुये।
लक्ष्मीशंकर वाजपेयी
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment