मैंने करने जैसा
क्या कोई काम किया
शब्द ही तो थे केवल
खेलता रहा जिनसे
मैं जी-भर
कुछ होंगे आगे भी
जिनका नाता शब्दों से
वे ही उन शब्दों को देखेंगे
जिन्हें मैंने
बाँधा है।
मुझे अपने मरने का
थोड़ा भी दुख नहीं
मेरे मर जाने पर
शब्दों से
मेरा संबंध
छूट जायेगा।
त्रिलोचन
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