सावन-गीत
पति-पत्नी के बीच मीठी सी नोंक-झोंक की अभिव्यक्ति-
रानी- चले जाओ जी चले जाओ राजा चाकरी
तेरा हुक्का हमें ना भावे जी-2
राजा- कहाँ हैं जी कहाँ हमारे कपड़े-लत्ते
कहाँ धरे हथियार जी।-1
रानी- बक्सों जी बक्सों धरे हैं कापड़े
कोई खूँटी धरे हथियार जी।-1
रानी- चले जाओ जी चले जाओ राजा चाकरी
तेरा हुक्का हमें ना भावे जी-2
राजा- कहाँ हैं जी कहाँ हमारे नौकर-चाकर
कहाँ हमारा घोड़ा जी।
रानी- नौकर जी नौकर तो हैं आपने
कोई घोड़ा खड़ा घुड़साल जी।-2
आधी जी आधी रात पहरा तगड़ा
राजा जी का घोड़ा सज गया जी।
सासू जी सासू सोवे ननद हठीली
राजा जी को कौन मनावे जी।
मुख पे जी मुख पे घूँघट डाल के
राजा जी का पल्ला पकड़ा जी।
मत जाओ जी मत जाओ राजा चाकरी
तेरा हुक्का हमें सुहावे जी।
राजा- चली जाओ जी चली जाओ रानी बाप के
तेरा नखरा हमें ना भावे जी।
रानी- कहाँ हैं जी कहाँ हमारे कपड़े-लत्ते
कहाँ धरे हैं गहने जी।
राजा- बक्सों जी बक्सों धरे हैं कापड़े
कोई डिब्बों धरे हैं गहने जी।
रानी- कहाँ हैं जी कहाँ हमारे बालक-नन्हें
कहाँ हमारा डोला जी।
राजा- बालक जी बालक तो हैं आपने
कोई डोला खड़ा दरबार जी।
आधी जी आधी रात पहरा तगड़ा
रानी जी का डोला सज गया जी
माँ हैं जी माँ हैं सोवें बहन
हठीली
रानी जी को कौन मनावे जी।
मुख पे जी मुख पे रूमाल डाल के
रानी जी का पल्ला पकड़ा जी।
मत जाओ जी मत जाओ रानी बाप के
तेरा नखरा हमें सुहावे जी।
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