Friday, July 29, 2022


अनमोल रत्न हैं ये

 डॉ. मंजूश्री गर्ग

 

अनमोल रत्न हैं ये

यूँ ही ना लुटा देना।

कुछ फूल हैं जो झरे,

खुशी के पलों में।

कुछ आँसू हैं जो बहे,

गमों के पलों में।

रखना सँभाल के,

दिल की किताब में।

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