Thursday, July 14, 2022



समय की छलनी में छनेंगे,

बचेंगे कुछ गीत, गजल।

चमकेंगे साहित्याकाश में,

ध्रुव तारे से अटल।।


          डॉ. मंजूश्री गर्ग 

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