Saturday, July 30, 2022

हाइकु

डॉ. मंजूश्री गर्ग


दर्पण जैसे

आईना बनो तुम

रूप निहारूँ.

1.

दिखेगा तुम्हें

अक्स अपना ही

मेरी आँखों में.

2.

 

  

No comments:

Post a Comment