Sunday, July 31, 2022


जैसे-जैसे प्रेम बढ़ेगा,

रंग और चढ़ेगा।

मेंहदी है भावों की,

शब्दों के फूल रचेंगे।।


     डॉ. मंजूश्री गर्ग

  

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