हिन्दी साहित्य
Saturday, August 18, 2018
नारी हो, सबसे करती हो प्यार,
स्वयं से भी सीखो करना प्यार।
नारी हो, सबका करती हो सम्मान,
स्वयं का भी सीखो करना सम्मान।
तभी परिवार, समाज, देश, विश्व
तुम्हें देंगे प्यार और सम्मान।
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
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