हिन्दी साहित्य
Saturday, August 25, 2018
ना धागा चाँदी का,
ना ही है सोने का।
ना ही नवरत्न जड़े,
फिर भी अनमोल राखी।
बहनों का प्यार है,
रेशम के धागों में।
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
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