हिन्दी साहित्य
Tuesday, August 21, 2018
आओ! सीपी-सम हथेली पे मेंहंदी रचा दूँ।
तुम मोती सम मुख उसमें सजा लेना।।
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
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