हिन्दी साहित्य
Saturday, December 29, 2018
प्रहरी हैं हम देश के।
जान अपनी,
अपनी है ही नहीं।
है देश के हवाले।
सर्दी-गर्मी क्या
?
लड़ रहे हैं दुश्मनों से।
प्रहरी हैं हम देश के।
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment