प्रस्तुत पंक्तियों में कवि
ने अपने शब्दों के माध्यम से पृथ्वीराज को शहाबुद्दीन गौरी की सही स्थिति बताकर उस
पर बाण साधने के लिये कहा है –
चार बाण, चौबीस गज, अंगुल अष्ट प्रमाण।
ता उपर सुल्तान है, चूके मत चौहान।।
चन्द्रवरदायी
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