फूल की आब शाख पर ही मुरझायेगी
हर फूल को कोई सराहे मुमकिन नहीं होता.
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
दिन और रात यूँ ही कटते हैं इंतजार में
कैसे कटेगी जिंदगी हम जानते नहीं.
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
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