हिन्दी साहित्य
Sunday, April 30, 2017
सागर का कहर
देखा सबने
कब देखी
कराह उसकी।
कितना दिल
तड़पा होगा
जो यूँ आह
बही होगी।
*
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
*
26 दिसम्बर 2004 में सुनामी आने पर
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