फिर शकुन्तला छली गयी
एक नये दुष्यन्त से, फिर
शापग्रस्त बनी दुर्वासा-शाप से
किन्तु किसी सखि ने नहीं माँगा,
कोई वरदान दुर्वासा से
सखि की मुक्ति के लिये.क्योंकि!
वह स्वयं ग्रस्त थी दुर्वासा शाप से
और छली हुई दुष्यन्त से.
डॉ0 मंजूश्री गर्ग
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