Tuesday, December 10, 2024

 

श्री कृष्ण-मित्रविन्दा का विवाह

डॉ. मंजूश्री गर्ग

श्री कृष्ण की राजदेवी नाम की एक बुआ का विवाह उज्जैन के राजा से हुआ था. उसकी एक परम सुन्दरी कन्या थी, जिसका नाम मित्रविन्दा था. जब मित्रविन्दा विवाह के योग्य हुईं तो उनके लिये स्वयंवर रचा गया. श्री कृष्ण भी स्वयंवर में गये. मित्रविन्दा ने श्री कृष्ण को देखकर अन्य राजाओं को छोड़कर श्री कृष्ण के गले में माला डाल दी. दुर्योधन, आदि के विरोध करने पर श्री कृष्ण मित्रविन्दा को रथ में बैठाकर द्वारिका ले आये और वहाँ श्री कृष्ण-मित्रविन्दा का विधिवत विवाह हुआ.

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