Thursday, December 12, 2024

 

 

श्री कृष्ण-सत्या का विवाह

डॉ. मंजूश्री गर्ग

सत्या अयोध्या के राजा नग्नजित् की पुत्री थीं. जब सत्या विवाह के योग्य हुईं तो नग्नजित् ने यह प्रण किया कि जो कोई मेरे सात बैलों को एक साथ नाथ देगा, उसी के साथ मैं अपनी पुत्री का विवाह करूँगा. अनेक राजाओं ने अयोध्या आकर सात बैलों को एक साथ नाथने का प्रयत्न किया, लेकिन असमर्थ रहे. एक बार श्री कृष्ण अर्जुन के साथ अयोध्या गये, वहाँ राजा नग्नजित् ने उनका बहुत आदर सत्कार किया. जब राजकुमारी सत्या ने श्री कृष्ण को देखा तो वह उन पर मुग्ध हो गयीं और मन ही मन श्री कृष्ण को पति रूप में प्राप्त करने की कामना करने लगीं. श्री कृष्ण ने राजा नग्नजित् के कहने पर उनकी प्रतिज्ञा के अनुसार राजा के सात बैलों को एक साथ नाथ दिया. राजा नग्नजित् बहुत प्रसन्न हुये और उन्होंने प्रसन्नतापूर्वक सत्या का विवाह शास्त्र-विधि के अनुसार श्री कृष्ण से कर दिया. श्री कृष्ण जब सत्या के साथ द्वारिका आये तो सभी बहुत आनन्दित हुये.

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